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सांस पर इख्तियार आ जाए,
वो अगर एक बार आ जाए |
वो शज़र सायादार आ जाए,
धूप का एतबार आ जाए|
कोई तो ढूढ़ लाये ढूंढ़ लाए उस जैसा, जिसको देखूं देखूँ कि प्यार आ जाए|
अपने बच्चे ही जो मुक़ाबिल हों,
अपने हिस्से मे हार आ जाए|
अब हमें इंतज़ार करना है,
कूव्व्ते इंतज़ार आ जाए |</poem>
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