{{KKRachna
|रचनाकार=विजय वाते
|संग्रह= गज़ल ग़ज़ल / विजय वाते
}}
<poem>
कुछ आस की बातें करें|।विशवास विश्वास की बातें करें|।
आ इस समंदर से मिलें,
फिर प्यास की बातें करें|।
सिलसिले गुम हो गयेगए,इतिहास की बातें करें |।
लफ्ज़ मानो खो चुके,
एहसास की बातें करें |।</poem>