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गौतम राजऋषि

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* [[रात भर चाँद को यूँ रिझाते रहे / गौतम राजरिशी]]
* [[खुद से ही बाजी लगी है / गौतम राजरिशी]]
* [[है मुस्कुराता फूल कैसे तितलियों तीरगी चांद के ज़ीने से पूछ लोसहर तक पहुँची/ गौतम राजरिशी]]
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