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Kavita Kosh से
चौपाल
,/* क्षमा करें! */
हेमेन्द्र जी, हम सब कविताकोश को बेहतर बनाने के लिए ही कार्य कर रहें हैं उसके रूप को बिगाड़ने के लिए नहीं......इसलिये हम एक दूसरे से यही अपेक्षा रखते हैं कि हम किसी को हतोत्साहित न करें....कोई इस कार्य में बहुत निपुण हो सकता है और कोई नहीं...लेकिन अगर कोई कार्य करना चाहता है तो हम उसकी सीखने में मदद करें......इससे कविताकोश में काम करने वालों का एक समूह तैयार हो जायेगा और कार्य भी जल्द हो जायेगा......कोई कार्य करने के लिए तैयार हो यही बड़ी बात है...क्योंकि हम सभी निस्वार्थ भाव से ही कार्य कर रहे हैं....अनजाने में हुई गलतियों को क्षमा कर देना चाहिए......कोई जानबूझ कर ऐसा क्यों करेगा? तकनीकी जानकारी मेरी बहुत कम है इसलिये अनजाने गलतियां हो सकती हैं.....हम सब मिलकर काम करें और अगर जाने अनजाने गलती हो जाए तो उसे ठीक कर दें.....बहस में समय बर्बाद न करें..... बस इतना ही....अगर मेरी बात ठीक न लगे तो उसके लिए अग्रिम क्षमा मांगती हूं......सादर..
डा. रमा द्विवेदी , 25 मई 2007
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