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Kavita Kosh से
चौपाल
,/* बधाई */
Pratishtha
मैंने कविता पढ़ी. भाषा-शैली स्पष्ट रूप से बच्चन जी की है, निराला की नहीं. मैं निराला रचनावली से देख कर बताता सकता हूँ.
शिशिर
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