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जादुई आईना / मदन कश्यप

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न कोठार में अन्‍न
न चौके में रसोई की गमक
भोजन केवल उस आईने में है
न ब्‍याज की दुकान में
न दर्जी के दलान में
वस्‍त्र केवल उस आईने में है

आईने में चिप्‍स है
आईने में कोला है
डालर है चीनी है
मिट्टी का तेल है
विकास की योजनाएं हैं
इक्‍कीसवीं सदी है
पंचायती राज है
उर्वरक है दवा है
सीमेंट है कोयला है
लोहा है बिजली है
रेल का डिब्‍बा है
सड़कें हैं अस्‍पताल है
रोजगार है उद्योग है
निर्यात है मुद्रा है
माल है

वह सब कुछ
जो कहीं दूर-दूर तक नहीं है
केवल उस आईने में है

कैसा है यह जादुई आईना !
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