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आँसूगदी से इश्क-ए-जवाँ को बचाइए / ख़ुमार बाराबंकवी
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01:09, 25 जून 2010
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आँसूदगी
आँसूगदी
से इश्क-ए-जवाँ को बचाइए
कोई जो मान जाए तो खुद रूठ जाइए
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
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