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{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=हास्य नहीं, वयंग्य / रमेश कौशिक
}}
<poem>
मैंने अँधेरे में
अँधेरे से पूछा-
तुम क्यों हो?
अँधेरा गायब .
</poem>
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|संग्रह=हास्य नहीं, वयंग्य / रमेश कौशिक
}}
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मैंने अँधेरे में
अँधेरे से पूछा-
तुम क्यों हो?
अँधेरा गायब .
</poem>