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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक }} <poem> मै…
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{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक
}}
<poem>
मैं आऊँगा तो सही
पर अभी नहीं
क्योंकि अभी तो
मैं बातों में कच्चा हूँ
यानी सच्चा हूँ
तुमसे बात करने के लिए
झूठ की ज़रूरत है
झूठ खूबसूरत होता है
और तुम भी खूब-सूरत हो
</poem>
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|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक
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मैं आऊँगा तो सही
पर अभी नहीं
क्योंकि अभी तो
मैं बातों में कच्चा हूँ
यानी सच्चा हूँ
तुमसे बात करने के लिए
झूठ की ज़रूरत है
झूठ खूबसूरत होता है
और तुम भी खूब-सूरत हो
</poem>