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दाग़ नहीं छूटे / नईम

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<poem>
दामन को मलमलकर मल-मलकर धोया,
:::दाग़ नहीं छूटे ।
 
बड़ी पुण्य-भागा है शिप्रा ।
कालिदास के मेघदूत-सा डूबा, उतराया
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