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<poem>
तेरे बगैर लगती लगता है, अच्छी अच्छा मुझे फ़िज़ाँ जहाँ नहीं
सरसर<ref>रेगिस्तान की गर्म हवा</ref> लगे सबा<ref>ठंडी हवा</ref> मुझे, गर पास तू ए जाँ नहीं
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