भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रदीप जिलवाने |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> एकांत का कोई …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रदीप जिलवाने
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>

एकांत का कोई
सुरक्षित कोना नहीं चाहिए
अपने लिए.

मैं
तुम्हारे लिए
तुम्हारे साथ रहकर
तुम पर लिखना चाहता हूँ
अपने मन की कविता.
00
778
edits