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नया पृष्ठ: <poem>सूखा भीतर तक तभी तो पीला हुआ पीला दिखता है लेकिन पीला था नहीं औ…
<poem>सूखा भीतर तक
तभी तो पीला हुआ

पीला दिखता है
लेकिन पीला था नहीं

और आज भी
पीलेपन में इसके
हरेपन का इतिहास है!
</poem>
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