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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीरेन डंगवाल |संग्रह=स्याही ताल / वीरेन डंगवाल }} …
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{{KKRachna
|रचनाकार=वीरेन डंगवाल
|संग्रह=स्याही ताल / वीरेन डंगवाल
}}
<poem>
उत्कृष्ट उच्चारण परिनिष्ठित भाषा
मृदुल हास
बुद्धि तीक्ष्ण
चेहरा भी सुन्दर और मोहरा भी
धर्मनिरपेक्षता पर भी है पूरा विश्वास
अब आत्मा में ही नहीं है सुवास
तो क्या कीजे !
00
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|रचनाकार=वीरेन डंगवाल
|संग्रह=स्याही ताल / वीरेन डंगवाल
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उत्कृष्ट उच्चारण परिनिष्ठित भाषा
मृदुल हास
बुद्धि तीक्ष्ण
चेहरा भी सुन्दर और मोहरा भी
धर्मनिरपेक्षता पर भी है पूरा विश्वास
अब आत्मा में ही नहीं है सुवास
तो क्या कीजे !
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