भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[नींद को आँखों में भर लेने की आदत बन गई / जहिर कुरैशी]]
* [[हमने शब्दों में उतरने की बहुत कोशिश की / जहीर कुरैशी]]
* [[उपालंभ में करता है--ग़ज़ल / जहीर कुरैशी]]