गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बोध / मनोज श्रीवास्तव
411 bytes added
,
11:35, 9 जुलाई 2010
<poem>
'''
बोध
'''
महास्वप्न की
वृत्ताकार जीवनमयता में
ठोस वायव अस्तित्त्व का
कटु यथार्थ भोग रहा हूं
कितना सच हैं--
सतत चढाव से सीमाबद्ध
यह जैविक अवसान
यह पतन
यह बोध
यह उन्माद!
Dr. Manoj Srivastav
635
edits