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* [[नींद उचट जाती है / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[चलो हम दोनों चलें वहां / नरेन्द्र शर्मा]]
* [" नैना दीवाने एक नहीँ माने / नरेन्द्र शर्मा]]
हुए हैँ पराये मन हार आये,
मन का मरम जाने ना माने ना माने ना नैना दीवाने
जाना ना जाना मन ही ना जाना
चितवन का मन बनता निशाना
कैसा निशाना कैसा निशाना ,
मन ही पहचाने ना , माने ना माने ना नैना दीवाने
जीवन बेली करे अठखेली महके मन के बकुल
प्रीति फूल फूले झूला झूले, चहके बन बुलबुल,
महके मन के बकुल
मन क्या जाने, क्या होगा कल धार समय की बहती पलपल,
जीवन चँचल जीवन चँचल, दिन जाके फिर आने ना
माने ना माने ना नैना दीवाने ]
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