भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तरंग / त्रिलोचन

3 bytes added, 15:41, 12 जुलाई 2010
<poem>
आवाज़ें फिर उठीं
फिर से आकाश में तरगों तरंगों ने
कितने ही वृत्त रचे
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits