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{{KKGlobal}}
{{KKRachna तुम्हीं तलाशो...KKParichay|चित्र=|रचनाकारनाम=राजेश चड्ढा |उपनाम=|जन्म=|जन्मस्थान=, राजस्थान, भारत|कृतियाँ=|विविध=|अंग्रेज़ीनाम=Rajesh Chadha|जीवनी=[[राजेश चड्ढा / परिचय]]|shorturl=}} <poemsort order="asc" class="ul"> * [[तुम्हीं तलाशो तुम्हें तलाश-ए-सहर होगी,हमको मालूम है सहर किसे मयस्सर होगी।/ राजेश चड्ढा]]पागल हो हाथ उठाए हो दुआ मांग रहे हो,पिघला खुदा का दिल तो बारिश-ए-जहर होगी। चांदनी की आस में आंखें गंवाए बैठे हो,चांद जलाके रख देगी अगर हमारी नजर होगी। छोड़ो हमारा साथ हम इम्तिहान की तरह हैं,नतीजे वाली बात हुक्मरान के घर होगी। अपनी तो जिंदगी की रफ्तार ही कुछ ऐसी है,जीने को यहां जिए हैं उम्र अगले शहर होगी।* [[ / राजेश चड्ढा]] </poemsort>