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* [[ / राजेश चड्ढा]]
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|रचनाकार=राजेश चड्ढा
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<poem>
शर्त पर आपने हाथों में मेरे हाथ दिया,
शर्त के टूटने तक कायदे से साथ दिया ।
निगाह टूट गई चाँद तक आते जाते,
रात के सफ़र में जुगनू ने बड़ा साथ दिया ।
कट गई उम्र यहाँ एक ख़्वाब की ख़ातिर,
आपने ख़्वाब ही में उम्रभर को काट दिया ।
आपने मंच से उस मंच की तारीफ़ कर दी,
भीड़ ख़ामोश है किस आदमी का साथ दिया ।
वो जो हँसने में दर्शन तलाश करते हैं,
पूछिए रोने पर कितनों ने उनका साथ दिया ।
</poem>
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