भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
कभी तन की
रिश्ता प्यार का
कभी दुनियादारी का
बचाने में
लगी रहती है औरत
और बच जाता बचा रहता है आदमी
</poem>