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यदि मैं बटोरती
तो एक-एक क्षण मणि होहोकर
सज जाता हृदय पटल पर
जिसके उजास में
ख़ुश्बुओं के हमाम में नहाती
तितलियों के पर पहनती
शतदल कमलनालों कमल बालों में सजाती
हवा के घोड़े पर सवार
एक राजकुमार आता