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अपनी ही / चंद्र रेखा ढडवाल

7 bytes removed, 01:59, 17 जुलाई 2010
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अपनी ही लाज में सिमटती
अपनी खींची
लकीरों में घिरती
अपने ही पानी में बूँद-बूँद पिघलती बर्फ़
औरत
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