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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= शास्त्री नित्यगोपाल कटारे |संग्रह=}}{{KKCatKavita‎}}<Poem> प्रेमी की प्रतीक्षा में प्रेमिका के तीन मिनिट परीक्षा हाल में पर्यवेक्षक के तीन घन्टे, बराबर होते हैं तीन युगों के, दोनों ही बेचैन, हैरान, परेशान, घबराता दिल, आफत में जान,
दोनों ही अस्त, व्यस्त, त्रस्त, बिना काम के अति व्यस्त,
बाहर शान्ति , मन में अशान्ति, दोनों को अति॰महत्वपूर्ण अति-महत्वपूर्ण होने की भ्रान्ति,किंकर्तव्य विमूढ, स्थिति शोचनीय,काम पूरा का पूरा अत्यन्त गोपनीय,
किं कर्तव्य विमूढ रहते हैं बेकरारप्रेमिका मिलने को,स्थिति शोचनीयपर्यवेक्षक बिछुड़ने को, काम पूरा कान खड़े, चौकन्नी आँखेंलगाते चक्कर, अगल॰बगल ताकें,गंभीर मुद्रा, निष्ठुरता का पूरा अत्यन्त गोपनीयप्रयासअज्ञात भय, परस्पर अविश्वास,
रहते हैं बेकरारचिन्ता होती है : प्रेमिका मिलने को ,आने वाले कल की पर्यवेक्षक बिछुड़ने को, कान खड़े ,चौकन्नी आँखें लगाते चक्कर ,अगल॰बगल ताकेंनकल की,
गंभीर मुद्रा , निष्ठुरता का प्रयासबुरा लगता है : अज्ञात भय ,परस्पर अविश्वासप्रेमिका को चालू रस्तापर्यवेक्षक को उड़न दस्ता,
चिन्ता होती है॰बहुत सताती है : प्रमिका प्रेमिका को आने वाले कल कीतन्हाई पर्यवेक्षक को नकल कीजम्हाई,
बुरा डर लगता है॰है :प्रेमिका को अपने भाई सेपर्यवेक्षक को डी० पी० आई० से,
शिकायत है :प्रेमिका को चालू रस्ताअपने चित्तचोर से पर्यवेक्षक को उड़न दस्ताअपने चिटचोर से,
बहुत सताती है॰दोनों को रहती है :गुप्त पत्रों की तलाशछुपा कर रखे गये हैं जोबड़े जतन से वहीं कहीं आसपास, प्रेमिका को तन्हाई प्रेमी द्वारा प्रणय निवेदन की अर्जियाँपर्यवेक्षक को जम्हाईगुड़ी माड़ी गाइड की पर्चियाँ,
डर लगता है॰करें क्या ?कुछ बंधती नहीं सम्पटदोनों को किसी के भी देख लेने का संकट,मिलता है बाद में : प्रेमिका को अपने भाई आकाश सेतारे तोड़ लाने का आश्वासन पर्यवेक्षक को डी,पी,आई, सेदस रुपये का नोट और केन्द्राध्यक्ष का भाषण,
शिकायत है॰ प्रेमिका को अपने चितचोर से पर्यवेक्षक को अपने चिटचोर से,  दोनों को रहती है॰ गुप्त पत्रों की तलाश छुपा कर रखे गये हैं जो बड़े जतन से वहीं कहीं आसपास, प्रेमिका को प्रेमी द्वारा प्रणय निवेदन की अर्जियाँ पर्यवेक्षक को गुड़ी माड़ी गाइड की पर्चियाँ,  करें क्या ? कुछ बंधती नहीं सम्पट दोनों को किसी के भी देख लेने का संकट, मिलता है बाद में॰ प्रेमिका को आकाश से तारे तोड़ लाने का आश्वासन पर्यवेक्षक को दस रुपये का नोट और केन्द्राध्यक्ष का भाषण,  परीक्षा और प्रेम का स्तर यदि इसी तरह गिरता जायेगाजाएगा तो भविष्य में एक दिन ऐसा भी आयेगाआएगा प्रेमिका और पर्यवेक्षक ऐसे गायब होंगे कि जमाना ज़माना ढूँढता रह जायेगाजाएगा</poem>
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