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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= शास्त्री नित्यगोपाल कटारे |संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<Poem> प्रेमी की प्रतीक्षा में प्रेमिका के तीन मिनिट परीक्षा हाल में पर्यवेक्षक के तीन घन्टे, बराबर होते हैं तीन युगों के, दोनों ही बेचैन, हैरान, परेशान, घबराता दिल, आफत में जान,