भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हत्भाग्य / सांवर दइया

132 bytes added, 03:43, 20 जुलाई 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= साँवर दइया |संग्रह=}}‎{{KKCatKavita‎}}<poemPoem>गूंगा गुड़ के गीत गा रहा है
बहरा सराह रहा है
सजी सभा में
पंगुल पांव पाँव सहला कर बोला -मैं नाचूंगा नाचूँगा अंधा अँधा आगे आया
कड़क कर बोला -
तुमने ठेका ले रक्खा है
मुझे भी तो देखने दो !
 
कलाकार !
लो, संभालो सँभालो तुम्हारी कलम क़लम !
'''अनुवाद : मोहन आलोक'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits