भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
New page: रचनाकार: [[नागार्जुन]] [[Category:कविताएँ]] [[Category:नागार्जुन]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ 'स्वेत-स्...
रचनाकार: [[नागार्जुन]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:नागार्जुन]]

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

'स्वेत-स्याम-रतनार' अंखिया निहार के

सिण्डकेटी प्रभुओं की पग-धूर झार के

लौटे हैं दिल्ली से कल टिकट मार के

खिले हैं दांत ज्यों दाने अनार के

आये दिन बहार के !


बन गया निजी काम-

दिलाएंगे और अन्न दान के, उधार के

टल गये संकट यू.पी.-बिहार के

लौटे टिकट मार के

आये दिन बहार के !


सपने दिखे कार के

गगन-विहार के

सीखेंगे नखरे, समुन्दर-पार के

लौटे टिकट मार के

आये दिन बहार के !


१९६६ में लिखी गई
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,627
edits