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बच्चों से / मुकेश मानस

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<poem>

क्या तुमने देखा है मोर
पंख खोलकर नाचता हुआ

क्या तुमने देखी है कोयल
सुरीले कंठ से गाती हुई

क्या तुमने देखा है पानी
लहराता हुआ नदी में

क्या तुमने देखा है फूल
अपने रंग बिखराता हुआ

अगर नहीं, तो आओ
देखो इन्हें किताबों में

मगर एक बात तो बताओ
जो लिखते हैं तुम्हारी किताबें
क्या उन्होंने ये सब देखा है?
1996



<poem>
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