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मत पूछिए क्यों / शेरजंग गर्ग

3 bytes added, 07:16, 5 सितम्बर 2010
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
मत पूछिए क्यों पाँव में रफ्तार रफ़्तार नहीं है
यह कारवँए मंज़िल का तलबगार नहीं है
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