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<poem>
फिर कहा उस ने, वजू करना

मैं ने पूछा तुम को छू कर ना !


दिल तो इक नन्ही सी थैली है

इस में इतनी आरजू करना !


सख्त मुश्किल था, किया हम ने

ख़ुद को यूँ बेआबरू करना


चीज़ें ऊंचे दाम बिकती हैं

सोचना, फिर जुस्तजू करना करना


इन दिनों खामोश रहता हूँ

आ गया है गुफ्तगू करना


सारी बातें पीठ के पीछे

चंद बातें रूबरू करना<poem/>