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कहा ये मैं ने के प्यारी बेटी
ये लफ्ज़ मुहमल <ref>जिसको तर्क कर दिया जाए जिसका प्रयोग न किया जाये,बेकार फ़िज़ूल,बे मआनी,जिसका कोई अर्थ न हो, </ref >है तुम न पढना
तुम्हे तो बस है ख़ुशी ही पढना
दुआ की मैं ने ए मेरे मौला
ए मेरे मालिक ए मेरे खालिक<ref>मालिक,प्रभु,ईश्वर</ref> 
तू ऐसे लफ़्ज़ों को मौत दे दे
के इस जहाँ की सभी किताबों
हर इक लुगत<ref> लुगत - शब्द कोष डिक्शनरी</ref> से मैं नोच डालूं
खुरच दूँ उनको मिटा दूँ उनको
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