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मत पूछिए क्यों / शेरजंग गर्ग

1 byte added, 02:55, 18 सितम्बर 2010
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मत पूछिए क्यों पाँव में रफ़्तार नहीं है
यह कारवँए कारवाँ मंज़िल का तलबगार नहीं है
जेबों में नहीं, सिर्फ गरेबान में झाँको