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हौसला दिल का निकल जाने दे
मुझको जल जाने दे पिघल जाने दे

आँच फूलों पे न आने दे मगर
ख़सो-ख़ाशाक को जल जाने दे

मुद्दतों बाद सबा आई है
मौसमे दिल को बदल जाने दे

छा रही है जो मेरी आँखों पर
उन घटाओं को मचल जाने दे

तज़्किरा उसका अभी रहने दे
और कुछ रात को ढल जाने दे
</poem>