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{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
<poem>

अभी लिखी है कविता
शाम हुई है काफी देर से
बारिश रुकी है देर से
बारिश हुई थी देर से

बारिश में दिन गुज़रता रहा देर से
दिन शुरू हुआ था बहुत पहले
उससे भी पहले था एक और दिन

ठीक ठीक कहा नहीं जा सकता
क्या कब शुरू हुआ
कविता हुई थी सबसे पहले.
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