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छोटा आदमी / निदा फ़ाज़ली

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नया पृष्ठ: '''छोटा आदमी''' तुम्हारे लिए सब दुआगो हैं तुम जो न होगे तो कुछ भी न हो…
'''छोटा आदमी'''

तुम्हारे लिए
सब दुआगो हैं
तुम जो न होगे
तो कुछ भी न होगा
इसी तरह
मर-मर के जीते रहो तुम

तुम्ही हर जगह हो
तुम्ही मस्अला हो
तुम्ही हौसला हो

मुसव्वर के रंगों में
तस्वीर भी तुम
मुसन्निफ के लफ़्ज़ों में
तहरीर भी तुम
तुम्हारे लिए ही
खुदा बाप ने
अपने इकलौते बेटे को
कुर्बां किया है
सभी आसमानी किताबों ने
तुम पर!
तुम्हारे अज़ाबों को आसाँ किया है

खुदा की बनाई हुई इस ज़मीं पर
जो सच पूछो,
तुमसे मुहब्बत है सबको
तुम्हारे दुखों का मुदावा न होगा
तुम्हारे
दुखों ज़रूरत है सबको
तुम्हारे लिए सब दुआगो हैं