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* [[मत मांग गरीब रात से, तू गोरे चांद सी रोटी / राजेश चड्ढा]]
* [[बेवक़्त चेहरा झुर्रियों से भरने लगी है ग़रीबी तूं / राजेश चड्ढा]]
* [[ख़ामोशियों का खौफ़ है...../ राजेश चड्ढ़ा]]
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