भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे, रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे|…
रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे, रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे|
जौन टिकसवा से बलम मोरे जैहें, रे सजना मोरे जैहें,
पानी बरसे टिकस गल जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौने सहरिया को बलमा मोरे जैहें, रे सजना मोरे जैहें,
आगी लागै सहर जल जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौन सहबवा के सैंया मोरे नौकर रे बलमा मोरे नौकर,
गोली दागै घायल कर जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौन सवतिया पे बलमा मोरे रीझे,रे सजना मोरे रीझें,
खाये धतूरा सवत बौराए रे, रेलिया बैरन॥
जौन टिकसवा से बलम मोरे जैहें, रे सजना मोरे जैहें,
पानी बरसे टिकस गल जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौने सहरिया को बलमा मोरे जैहें, रे सजना मोरे जैहें,
आगी लागै सहर जल जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौन सहबवा के सैंया मोरे नौकर रे बलमा मोरे नौकर,
गोली दागै घायल कर जाये रे, रेलिया बैरन॥
जौन सवतिया पे बलमा मोरे रीझे,रे सजना मोरे रीझें,
खाये धतूरा सवत बौराए रे, रेलिया बैरन॥