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भीम असली ह कि लोहा के, चिन्हाते नइखे
बर्फ हsहऽ, भाप हsहऽ, पानी हs हऽ कि कुछुओ ना हsहऽ
जिन्दगी का हवे, ई राज बुझाते नइखे