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Kavita Kosh से
* [[मुल्क मेरा इन दिनों शहरीकरण की ओर है / जयकृष्ण राय तुषार]]
* [[ऐ दोस्त गले मिल तो हरेक बात का हल हो / जयकृष्ण राय तुषार]]
* [[हम करवाचौथ जमीं के व्रत चांद को जब चांद का दीदार होता है / जयकृष्ण राय तुषार]]
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'''गीत / नवगीत'''