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गाँव बिक रहा है-2 / अमरजीत कौंके

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बैठक
जिसकोकहीं सेगाँव मेंबनवाई जिसके लिये मेरे दादा नेकहीं से गार्डर मँगवाएकहीं से बल्लियाँउन्होंने गाँव में उसने अपनी शान की ख़ातिरबनाई बनवाई थी बैठक
मैं छोटा-सा बालक होता था तब
कि मेरे दादा
दूध से सफेद कपड़े पहनने के
शैकीन शौकीन थे
मैंने कई बार उन्हें कपड़ों पर
दाग रह जाने के लिये
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