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नांवसोक मन माँय चींत !
द्खाँ, किसीक होवैं परतीत !
इयाँ कितराक दिन चालसी
पाखण्ड - तणो वंस ?
छेवट, इण बजराक सूं मरयां सरसी कंस !
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