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{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तैलंग
|संग्रह=इक्यावन बालगीत / रमेश तैलंग
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<poem>
माँ कितनी तकलीफ़ें झेल,
दया-धर्म सब रूप हैं माँ के,
और हर रूप निराला है।
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