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07:04, 7 नवम्बर 2010
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पूनम की उजियारी खिली रे जुन्हाई,सिर पर चंदोवा तना दीदी लिपस्टिक के नखरे करे ।हो जी, सिर पर चंदोवा तना छुटकू डोलें मुंह में मिट्टी भरे ।
दूधो नहाए जी महलेदीदी को मिली नई फूलदार साड़ी, दुमहलेछुटकू को मिली तीन पहियों की गाड़ी,काले-कलूटे दिखे सब रुपहलेदीदी कमाऊ है,जग-मग हुआ आँगना फैशन करे ।हो जी, सिर पर चंदोवा तना छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।
अम्माँ रसोई की करके सफ़ाईदीदी संभालती रहे काला चश्मा,कोठे पे जा बैठी लेकर चटाई,छुटकू चिल्लाते रहें अम्माँ ! अम्माँ !बानक ख़ुशी का बना दीदी की आंखों में सपने भरे ।हो जी, सिर पर चंदोवा तना छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।
भाग बड़े, खुला आकाश पायादीदी का सैलफ़ोन बजता ही रहता,माथे पर कोई है पूरे चाँद का साया,शीतलजो बातें करता ही रहता, सुखदायी घना ।हो जी, सिर पर चंदोवा तना दीदी हँस-हँस कर क्या बातें करे ?छुटकू के पल्ले न कुछ भी पड़े ।
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