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Kavita Kosh से
खुद-ब-खुद ग़ज़लों में अफ़साने तुम्हारे आ गए
हम सिखाने पर तुले थे रूह को आदाब ए दिल के, थे सिखाने पर तुले
पर उसे तो ज़िस्म वाले सब इशारे आ गए