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Kavita Kosh से
चरचर करती चिड़कल्यां करै रेत असनान।
तंबू सो अब ताणियों बादळियंा बादळयां असमान।। 27।।
चहचहाती चिड़िया धूलिस्नान कर रही है। अब बादलियों ने आसमान में तंबु सा तान लिया है।