भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
"[[दस दोहे (21-30) / चंद्रसिंह बिरकाली]]" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))
बरस घटा बण, बादळी मुरधर कानी जोय ।।24।।
जळहर ऊंचा आविया बोल रया जल-काग ।
