भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

येलेना / अनिल जनविजय

11 bytes added, 07:45, 17 नवम्बर 2010
|संग्रह=राम जी भला करें / अनिल जनविजय
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>
(येलेना बोन्दोरेवा के लिए)
 
तुम फूल नहीं हो येलेना
 
गुलदस्ता हो सितारा नहीं हो
 
आसमान हो सितारों भरा
 
बादल नहीं हो
 
वर्षा हो बूँद नहीं हो
 
फुहार हो जल की
 
झपकी नहीं हो तुम
 
नींद हो भरी पूरी
 
सिर्फ़ मुस्कान नहीं हो
 
हँसी हो खिलखिलाती
 
शब्द नहीं हो
 
कविता हो कहानी हो गीत हो कोई
 
अमरूद का पेड़ हो तुम
 
घर के आँगन में लगा
 
कुँआ हो घर का
 
खेत हो क्यारी नहीं
 
युवाओं का बचपन हो तुम
 
बूढ़ों की जवानी
 
तुम वह आत्मीयता हो
 
जिसका नहीं कोई सानी
 
(1993)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,440
edits