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यार बिन तल्ख़ ज़िंदगनी जिंदगानी थी<br>
दोस्ती मुद्दई-ए-जानी थी<br><br>
शेब में फ़ायदा त'म्मुल का<br>
सोचना तब था हब जब जवानी थी<br><br>
मेरे क़िस्से से सब की नींदें गईं<br>
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