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Kavita Kosh से
एक प्याली
बिना शक्कर चाय हूँ
पूछती फिर भी कि
मीठी चलेगी क्या ?
जानती है कभी
उसे क्या मालूम
शूगर कम हुआ तो
मैं बहुत मज़बूरियों में
दूध खालिस अधिक पत्ती
अलग बरतन गैस भी तो
चाय डिस्पोजल में देना
जब कहा तो
व्यंग्य से बोली
सुबह झाड़ू मारने वाले
भी तो हैं आदमी
इस ज़माने में
कूट अदरक डाल पत्ती
खौलने तक रंग ला कर
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