भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

संजय आचार्य वरुण

20 bytes added, 10:28, 21 नवम्बर 2010
<poem>मुझसे कह देना
जब उजास की बात करो तो
जब काया का चित्र उकेरो
'''मुझसे कह देना'''
जिसने अपने भीतर-भीतर
चलना हो उस पार अगर तो
मुझसे कह देना।
</poem>