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Kavita Kosh से
<poem>मुझसे कह देना
जब उजास की बात करो तो
जब काया का चित्र उकेरो
'''मुझसे कह देना'''
जिसने अपने भीतर-भीतर
चलना हो उस पार अगर तो
मुझसे कह देना।
</poem>