भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: <poem>जिनको इन राहों में फूल मिले वो बहार के गीत सुनाते चले जिनके पग म…
<poem>जिनको इन राहों में फूल मिले वो बहार के गीत सुनाते चले
जिनके पग में बस खार चुभे, पतझार के गीत सुनाते चले ।
ये जीत के गीत सुनाते चले , वो हार के गीत सुनाते चले ।
हमको तो तुम्हारा प्यार मिला, हम प्यार के गीत सुनाते चले।</poem>
जिनके पग में बस खार चुभे, पतझार के गीत सुनाते चले ।
ये जीत के गीत सुनाते चले , वो हार के गीत सुनाते चले ।
हमको तो तुम्हारा प्यार मिला, हम प्यार के गीत सुनाते चले।</poem>